मुंबई, 24 सितंबर। फिल्म इंडस्ट्री में कुछ अदाकाराएं अपनी अद्भुत प्रतिभा से दर्शकों और सह-कलाकारों के दिलों में खास जगह बना लेती हैं। ऐसी ही एक अदाकारा हैं दिव्या दत्ता, जिनकी कला की सराहना बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने की है। अमिताभ बच्चन, सलमान खान और ऋषि कपूर जैसे सितारों ने न केवल उनकी अदाकारी की प्रशंसा की है, बल्कि उनके साथ काम करने का गर्व भी महसूस किया है।
दिव्या दत्ता का जन्म 25 सितंबर 1977 को पंजाब के लुधियाना में हुआ। उनका बचपन एक साधारण परिवार में बीता। उनके पिता एक डॉक्टर थे, लेकिन जब वह केवल सात साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया। इस कठिन समय में उनकी मां, डॉ. नलिनी दत्ता, ने अकेले ही उनकी और उनके भाई की परवरिश की। मां की इस दृढ़ता ने दिव्या के जीवन को एक नई दिशा दी।
बचपन में दिव्या का ध्यान फिल्मों की ओर नहीं था, लेकिन उन्हें डांस और एक्टिंग का शौक था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पंजाबी विज्ञापनों से की। मॉडलिंग के माध्यम से उन्हें फिल्मों में कदम रखने का अवसर मिला। उनकी पहली फिल्म 'इश्क में जीना इश्क में मरना' थी, लेकिन असली पहचान उन्हें सलमान खान की फिल्म 'वीरगति' से मिली। इस फिल्म में दिव्या ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने दर्शकों और समीक्षकों का ध्यान खींचा। इस फिल्म के दौरान उन्होंने सलमान से अभिनय की कई बारीकियां सीखी, जो उनके करियर का एक मजेदार अनुभव बन गया।
दिव्या ने पंजाबी सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई। विशेष रूप से 'शहीद-ए-मोहब्बत' में उनके किरदार 'जीनत' को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। इसके बाद उन्होंने हिंदी, पंजाबी, मलयालम और नेपाली फिल्मों में भी काम किया। टीवी सीरियल्स में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उनकी आवाज को भी दर्शकों ने सराहा, जैसे कि फिल्म 'कसूर' में उन्होंने लीसा रे के लिए डबिंग की थी। दिव्या ने हमेशा अपने अभिनय में नई ऊंचाइयों को छूने की कोशिश की, चाहे वह छोटे रोल हों या बड़े, सभी को उन्होंने पूरी मेहनत से निभाया।
फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े कलाकार दिव्या की प्रतिभा के प्रशंसक रहे हैं। अमिताभ बच्चन ने कई बार उनके अभिनय की तारीफ की है, जबकि सलमान खान ने उन्हें 'वीरगति' में काम करने का अवसर दिया। ऋषि कपूर भी उनकी प्रतिभा को पहचानते थे और अक्सर उनके काम की सराहना करते थे। हालांकि, उनका यह सफर आसान नहीं था क्योंकि उनके पास कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं था, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी काबिलियत से सबको प्रभावित किया।
दिव्या को कई पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें नेशनल अवॉर्ड भी शामिल है।
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